जीवन बीमा दीर्घकालीन आर्थिक सुरक्षा के अलावा जरूरी स्थिति के लिए वित्तीय जरूरत पूरी करने के लिए उपयोगी होता है।

       

जीवन बीमा दीर्घकालीन आर्थिक सुरक्षा के अलावा जरूरी स्थिति के लिए वित्तीय जरूरत पूरी करने के लिए उपयोगी होता है।


 
     सोर्स of priyanka acharya

       आज की तारीख में कोरोनामहामारी के कारण सर्वत्र नौकरी जाने, टर्नओवर में गिरावट होने,
वेतन में कमी होने आदि जैसी अनेक अनिश्चिताएं है। परिवार में वित्त का प्रवाह घटने के कारण आवश्यकताएं
और इच्छाएं किस तरह पूरी करें, ऐसा प्रश्न खड़ा होता है। आज की तारीख में अस्तित्व टिकाए रखने की
प्राथमिकता है, तब अन्य सभी वस्तुएं गौण हो जाती हैं। ऐसे में जीवन बीमा पॉलिसी के पसंद का सवाल भी
पेचीदा बन जाता है।जीवन बीमा का निर्णय लेने में सहायक हो सके, ऐसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे यहां पेश
किए गए हैं।
1) किसी को अच्छा लगने के लिए जीवन बीमा लेने की जरा भी जरूरत नहीं है।कोई महामारी हो या ना हो, आप जब सिर्फ किसी को अच्छा लगने के लिए जीवन
बीमा लेते हैं तब अपनी जरूरत की तुलना में सामने वाले का मन रखने का मुद्दा मुख्य होता है।इसके
कारण आप कम रिस्क कवर की पॉलिसी ले लें।किसी दूसरे के लिए नहीं, अपने परिवार की आर्थिक
सुरक्षा के लिए जीवन बीमा लेना होता है।वास्तव में हर व्यक्ति के ह्यूमन लाइफ वैल्यू के आधार पर
और आखिर तक प्रीमियम भरने की अपनी शक्ति के आधार पर जीवन बीमा पॉलिसी लेनी होती है।
2) कोरोना के कारण जीवन खर्च घट गया है।
 कोरोना के कारण सामाजिक प्रसंग लगभग बंद हो गए
है। बाहर का आना जाना भी काफी कम हो गया है।इन सभी के कारण दैनिक खर्च सिर्फ खाने पीने की
वस्तुओं पर ही होता है।नए कपड़े, जूते चप्पल आदि खरीदना, बाहर घूमने जाना, वैवाहिक खरीदी करना,
वीकएंड में बाहरगांव जाना यह सभी खर्च घट गए है। ऐसे में जो रकम बच गई है उसका उपयोग परिवार में
वित्तीय प्रवाहिता बनाए रखने, जीवन बीमा जैसी सुरक्षा लेने तथा निवेश करने के लिए हो सकता है।जीवन
बीमा दीर्घकालीन आर्थिक सुरक्षा के
अलावा अत्यावश्यक स्थिति के लिए वित्तीय जरूरत पूरी करने के लिए उपयोगी होता है।
3) आपके मन की उलझन दूर करने के लिए पेश है 20-20-20 प्लान निम्नलिखित तीन कदमों से
आपको काफी मदद मिल सकती है। कदम 1- मान ले कि आपने 20 वर्ष पहले ही जीवन सुरक्षा का तथा
निवेश का आयोजन कर लिया था और आज यह दूसरा वटवृक्ष बन गया है और आपको अतिरिक्त आय
मिल रही है।
कदम 2- यदि आप प्रथम कदम चूक गए हैं तो दूसरा कदम उठाएं। अपनी मौजूदा आय की 20% रकम
अलग रखें और इसमें से जीवन बीमा, आरोग्य बीमा, वाहन बीमा आदि ले ले और दीर्घ काल का निवेश शरू कर दें।आपने खर करने से पहले ही 20% रकम अलग रख दी होगी तो आपको जरा भी नहीं रखेगा  इस तरह से बचत करने की आदत परिवार के हर व्यक्ति में डालें।
कदम 3- दूसरे कदम में आपने 20% रकम अलग रख दी है और बाकी का खर्च80% रकम से चला
रहे हैं।आप बचा हुआ 20 % गिफ्ट वाउचर है, ऐसा मान ले। इस गिफ्ट वाउचर का उपयोग आगामी 20 वर्ष
के आयोजन के लिए करें। आपको कभी गिफ्ट वाउचर
मिला होगा तो आपने उससे अधिक से अधिक वस्तुएं खरीदने का प्रयास किया होगा, वास्तव में ना? इसी
तरह बची हुई 20% रकम से आगामी 20 वर्ष में अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए आवंटन करो।
उसमें से टर्म प्लान, बच्चों के लिए बीमा, निवृत्ति बाद की नियमित आय की योजना, एनयूटी योजना आदि का
समावेश होता है।
जीवन बीमा के बारे में थोड़ी चतुराई और अनुशासन की मदद से विचार करें तो काफी लाभ हो सकता
है. जीवन बीमा लेने का काम आगे बढ़ाना नहीं, बल्कि प्राथमिकता के साथ करना है।

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