कोनसा बीमा, कैसा बीमा, बीमा के बारे में अधिक जानकारी आपको अवश्य लेनी चाहिए।

      आज हम अलग-अलग जीवन बीमा पॉलिसी के बारे में महत्वपूर्ण मुद्दों पर नजर डालते हैं, जो आपको
आप की आवश्यकता अनुसार उचित पॉलिसी लेने में सहायक होगा।
1. होल लाइफ एंडोवमेंट:हेतु: 
इस पॉलिसी का हेतु जीवन के मध्य भाग में अथवा निवृत्ति के बाद नियमित आय प्रदान करना है।
रिटर्न कहां तक मिलेगा: प्रीमियम अदा करने की समयावधि पूरी होने के बाद भी 100 वर्ष की उम्र तक
नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं।आज से 15 -20 वर्ष पहले दी गई पॉलिसियों में अधिकतम उम्र 80 वर्ष की ही रखी गई थी।
पॉलिसी धारक की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को बीमा की रकम(सम एस्योर्ड ) और जमा हुआ बोनस
यह दोनों रकम एक साथ मिलती है।
यदि संपत्ति का राइडर लिया हो तो बीमा की रकम दुगनी मिलेगी।बोनस इतना ही मिलेगा।
2. टर्म प्लान:
 टर्म प्लान प्रतिफल के लिए नहीं होता इसका हेतुसिर्फ रिस्क कवर देना है।इससे इसका प्रीमियम
अन्य प्लान की तुलना में काफी कम होता है।
रिटर्न. प्रकार की पॉलिसी में पॉलिसी धारक परिपक्वता अवधि के बाद जीवित रहे तो भी उसको
कोई रिटर्न नहीं मिलता है।पॉलिसी धारक की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को बीमा की रकम मिलती है।
3) मनी बैक पॉलिसी:
हेतु: बीमा के कवच के साथ-साथ 5 वर्ष के समयांतर पर आपको प्रतिफल चाहता हो तो यह पॉलिसी
उपयोगी होती है।
प्रतिफल: हर 5 वर्ष पर बीमा की रकम का कुछ प्रतिशत रकम प्रतिफल के रूप में मिलती है।पॉलिसी की परिपक्वता अवधि पर अंतिम किस्त बोनस के साथ मिलती है। पॉलिसी धारक की मृत्यु की स्थिति में बीमा की रकम तथा जमा हुआ बोनस नॉमिनी को मिलता है।
4) एंडोवमेंट प्लान:
हेतु: इस प्लान का हेतुनियमित बचत के साथ-साथ निवृत्ति का फंड एकत्र करना और बीमा का कवच
लेना है।
प्रतिफल: पॉलिसी पूरी होने पर एकमुश्त बड़ी रकम मिलती है।यदि पॉलिसी धारक चाहे तो परिपक्वता
अवधि पर मिलने वाली रकम किस्तों में भी वापस प्राप्त की जा सकती है।
इस विकल्प को सेटलमेंट ऑप्शन कहां जाता है जिसमें पॉलिसी धारक बीमा कंपनी के पास जो रकम रहने दे
उस पर ब्याज भी मिलता है।पॉलिसी धारक की मृत्यु की
स्थिति में नॉमिनी को बीमा की रकम तथा जमा हुआ बोनस मिलता है।यह रकम पूरी पूरी लेने के बदले किस्त मैं लेने की सुविधा भी मिलती है।
5. तत्काल एनयूटी के साथ सिंगल प्रीमियम पेंशन प्लान:
हेतु: ब्याज दर बदलने की चिंता पर मुक्त होकर पेंशन प्राप्त करने के लिए यह पॉलिसी ली जाती है।
दादा- दादी, या माता पिता इस प्रकार की पॉलिसी बच्चों को भेंट देकर इसमें मिलते पेंशन से बच्चों के
एंडोवमेंट पॉलिसी का प्रीमियम अदा कर सकते हैं।
प्रतिफल: इस प्रकार की पॉलिसी में तत्काल पेंशन मिलना शरू हो जा ती है।गौरतलब है कि पेंशन की आय पॉलिसी धारक को लागू होते आयकर के स्लैप के अनुसार कर पात्र होती है।पॉलिसी धारक की मृत्यु की स्थिति में एनयूटी के अनेक विकल्प होते हैं।
यदि पॉलिसी की परचेज प्राइस वापस मिले ऐसा विकल्प रखा गया है तो पॉलिसी धारक के नॉमिनी को यह रकम भी मिलती है।
6. डिफल्ड एनयूटी के साथ का सिंगल प्रीमियम पेंशन प्लान:
हेतु: पॉलिसी धारक थोड़े वर्षों तक रकम जमा कर इसे बढ़ने दे सकता है और बाद में आजीवन नियमित पेंशन प्राप्त कर सकता है।
प्रतिफल: तत्काल पेंशन लेने के बदले देर से पेंशन की आय लेना शरू  करने का फायदा यह है कि इसमें
एनयूटी अधिक मिलती है।पॉलिसीमें मिलते गारंटीड एडिशन के कारण पहले से ही रकम जमा होने लगती है। इससे इस पॉलिसी में पैसा ब्लॉक हो गया, ऐसा विचार नहीं करना चाहिए।
पॉलिसी धारक की मृत्यु की स्थिति में यदि परचेज प्राइस वापस मिलने का विकल्प रखा गया हो
तो नॉमिनी को यह रकम मिलती है और इसके अलावा पॉलिसी में पहले से बताया गया गारंटीड एडिशन भी
मिलता है।
7. बच्चों का प्लान:
हेतु: पहले से अनुशासित बचत द्वारा संतान की भावी जरूरत पूरी करने के लिए इस प्रकार की पॉलिसी
ली जाती है।
प्रतिफल: सामान्य रूप से संतान की उम्र 18 वर्ष की होने से लेकर 25 वर्ष की उम्र तक अलग-अलग चरण
में पूर्व निर्धारित रकम टुकड़े- टुकड़े में या एकमुश्त मिलती है।
पॉलिसी पूरी होने पर बीमा की रकम और जमा हुआ बोनस मिलता है।
8. आरोग्य योजनाएं:
हेतु: यह पॉलिसी मेडिक्लेम नहीं होती।कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के सामने आर्थिक सुरक्षा देने के लिए
अथवा हॉस्पिटलाइजेशन के खर्च को पूरा करने की यह पॉलिसी होती है।
प्रतिफल: कुछ निश्चित गंभीर बीमारी की स्थिति में हॉस्पिटलाइजेशन या उपचार का खर्च पूरा किया जाता है और कई बार एकमुश्त रकम भी अदा की जाती है। इसके लिए पॉलिसी को बराबर समझ लेना जरूरी है।इस पॉलिसी के तहत के लाभ ध्यान पूर्वक
पढ़ लेने और समझ लेने की जरूरत होती है।
यह प्लान आरोग्य योजना होने से इसमें प्रतिफल नहीं मिलता।कुछ प्रकार के कैंसर की पॉलिसी होने से
नॉमिनी को डेथ बेनिफिट मिलता है।उपरोक्त मद्दों के आधार पर आप पॉलिसी लेने का निर्णय ले सकते हैं.
बीमा लेते समय ध्यान में रखें कि इसमें हमेशा प्रतिफल की तुलना में आर्थिक सुरक्षा के तत्व को अधिक
महत्व देना चाहिए.

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