पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी के बारे में सभी को क्या जान लेना चाहिए?

Jetson

दूर्घटना में बीमा धारक के पंगु होजाने की स्थिति में उसके खर्च की क्षतिपूर्ति किए जाने अथवा उसकी
मृत्यु हो जाए तो बीमा की रकम अदा की जाए ऐसी पॉलिसी अर्थात पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस दुर्घटना में परिवार का कमाने वाला व्यक्ति घायल हो
जाए अथवा उसकी मृत्यु हो जाए,ऐसी स्थिति में कई बार परिवार पर आर्थिक संकट आ जाता है. भारत में
प्रतिदिन 1200 मार्ग दुर्घटनाएं होती
है और उसमें से 64.4% मामले में मृत्यु होती है. हर वर्ष दुर्घटना की मात्रा 2.3% की दर से बढ़ती जा रही है. ऐसे में जनरल इंश्योरेंस की पर्सनल
एक्सीडेंट पॉलिसी उपयोगी होती है.
पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी के बारे में जानने योग्य कुछ यहां बताए गए अनुसार की बातों की सभी को
जानकारी होना आवश्यक है:-
डेथ बेनिफिट:
यदि पॉलिसी धारक की दुर्घटनामें मृत्यु हो जाए तो उसके नॉमिनी को डेथ बेनिफिट मिलता है. इस स्थिति
में परिवार की वित्तीय सुरक्षा होती है.
डेथ बेनिफिट के तहत बीमा की रकम, मृत देह के हेरफेर के लिए खर्च तथा अंतिम क्रिया के खर्च को शामिल किया जाता है.
दुर्घटना में स्थाई पंगुता:
यदि दुर्घटना के बाद चिकित्सा
उपचार होने के बाद भी बीमा धारक आजीवन अपंग हो जाए तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी अपंगता के
प्रकार के आधार पर निश्चित रकम अदा करती है. पॉलिसी के तहत निम्नलिखित अपंगता को शामिल
किया जाता है:
 दोनों आंख की दृष्टि छिन जाए  दोनों हाथ या दोनों पैर कट जाए अथवा उसकी गतिविधि होनी बंद
हो जाने की स्थिति एक हाथ अथवा एक पैर कट
जाए अथवा उसकी हलचल बंद हो जाने की स्थिति
 एक आंख की दृष्टि चली जाए और एक हाथ अथवा पैर की हलचल बंद हो जाए अथवा एक हाथ और पैर कट जाए स्थाई आंशिक अपंगता :
यदि बीमा धारक एक कान से सुनने की शक्ति आंशिक रूप से खो दे अथवा एक आंख की दृष्टि चली
गई हो तथा पालिसी धारक की तर्जनी अंगुली, अंगूठा या एक हाथ कट गया
हो, इस स्थिति को आंशिक स्थाई अपंगता कहा जाता है. इन सभी स्थिति
में पालिसी धारक क्लेम कर सकता है. यहां बताई गई आंशिक अपंगता को
शामिल कर लिया जाता है:
» दोनों कान की श्रवण शक्ति चली
जाना-75%
- एक पाव घुटने के नीचे से कट जाना-40%
- एक हाथ कंधे तक कट जाना - 70%
-एक कान की श्रवणशक्ति चली जाना-30%
-पिडं ली के मध्य भाग से ऊपर तक का पैर का भाग कट जाना-70%
-एक अंगूठा कट जाना-20%
- एक हाथ का कोहनी से कंधे तक  का भाग कट जाना-65%
- एक तर्जनी अंगुली कट जाना-10%
-सुगंध शक्ति चली जाना-10%
 एक हाथ कोहनी के ऊपर के भाग तक कट जाना-65%
- एक हाथ कोहनी से कंधे तक कट जाना-60%
-एक पैर का पिंडली के मध्य भाग
तक का हिस्सा कट जाना-60%
-स्वाद की शक्ति चली जाना-5%
- एक हाथ कलाई से कट जाना-55%
- अन्य कोई भी अंगुली कट जाना-5%
- एक पैर का घुटने तक का भाग कट जाना-50%
- एक पैर का अंगूठा कट जाना-5%
- एक आंख चली जाना-50%
- पैर की कोई भी दूसरी अंगुली कट जाना-2%
-एक पैर का पिंडली के मध्य भाग
तक का हिस्सा कट जाना-45%
 
अस्थाई संपूर्ण अपंगता :
 यदि बीमा धारक दुर्घटना के कारण ही घायल हुआ हो और पॉलिसी चालू हो, इस दौरान दुर्घटना हुई
हो जिसके कारण बीमा धारक को अस्थाई आधार पर संपूर्ण अपंगता आ गई हो तो ऐसी स्थिति में बीमा
कंपनी बीमा धारक की हर सप्ताह की कम से कम आय जितनी रकम
अदा करती है. यह भुगतान जहां तक अस्थाई संपूर्ण अपंगता रहने तक
अथवा बीमा के प्रमाण पत्र के शेड्ल यू में दर्शाई गई रकम पूर्ण होने तक चालू
रहता है. अस्थाई संपूर्ण अपंगता की समयावधि 104 सप्ताह से अधिक नहीं हो सकती, ऐसा नियम है.

Post a Comment

0 Comments

Contact Form