Before coming to any Negative conclusions about LIC and it's Rich Legacy we need understand a few things about LIC strength etc. Rest in hindi
किसी भी वार्तालाप में LIC को डालने से पहले या किसी भी संभावित घटना के घटने के बारे में जिक्र करते वक्त LIC का नाम लेने से पहले, हमें LIC को और उसके स्ट्रक्चर को समझना पड़ेगा l
आज की तारीख में *LIC का "लाइव फंड" करीब करीब "35 लाख करोड़"* का है, *LIC के पास सारे असेट्स,करीब करीब "36 लाख करोड़"* के हैं ।
आज की तारीख में *हर सरकारी संस्था के अंदर शेरहोल्डिंग में LIC का शेर होता है*
जैसे
मारुति उद्योग 13%, अलाहाबाद बैंक 13%, कॉरपोरेशन बैंक 13%, एक्सिस बैंक 13%,
जैसे
मारुति उद्योग 13%, अलाहाबाद बैंक 13%, कॉरपोरेशन बैंक 13%, एक्सिस बैंक 13%,
कोई भी ऐसी सरकारी संस्था नहीं है जिसकी शेरहोल्डिंग में LIC का हाथ नहीं हो,
ऐसे में जब LIC पूरे मार्केट को संभाल रही है तो कभी भी,यदि किसी भी संस्था के दिवालिया होने के बात होती है या डिसइनवेस्टमेंट की बात होती है और सरकार यह कहती है कि हम LIC को बुला रहे हैं, इसकी रेस्क्यू के लिए तो
ऐसे में जब LIC पूरे मार्केट को संभाल रही है तो कभी भी,यदि किसी भी संस्था के दिवालिया होने के बात होती है या डिसइनवेस्टमेंट की बात होती है और सरकार यह कहती है कि हम LIC को बुला रहे हैं, इसकी रेस्क्यू के लिए तो
दो घटनाएं घटती हैं
*एक-मार्केट में किसी के पास भी इतना पैसा नहीं होता कि वह संस्था को खरीद ले l*
और
*दूसरे -अगर उस संस्था की कीमत मार्केट 10,000 करोड़ रुपए लगाता है तो उसमें बहुत सारे ऐसे Assets होते हैं जिनकी बुक वैल्यू कम होती है और उनकी टोटल असेट्स बहुत ज्यादा कीमत के होते हैं l*
*एक-मार्केट में किसी के पास भी इतना पैसा नहीं होता कि वह संस्था को खरीद ले l*
और
*दूसरे -अगर उस संस्था की कीमत मार्केट 10,000 करोड़ रुपए लगाता है तो उसमें बहुत सारे ऐसे Assets होते हैं जिनकी बुक वैल्यू कम होती है और उनकी टोटल असेट्स बहुत ज्यादा कीमत के होते हैं l*
तो LIC ऐसे में जब भी इन्वेस्टमेंट करती है तो एलआईसी को बिल्कुल भी घाटा नहीं होता,
चाहे वह आईआईएलएफ(IILF) का इशू हो या फिर आईडीबीआई बैंक(IDBI Bank) का इशू हो,
सस्ती दरों पर LIC के द्वारा की गई खरीदारी आगे जाकर LIC को और ज्यादा मुनाफा देती है l
चाहे वह आईआईएलएफ(IILF) का इशू हो या फिर आईडीबीआई बैंक(IDBI Bank) का इशू हो,
सस्ती दरों पर LIC के द्वारा की गई खरीदारी आगे जाकर LIC को और ज्यादा मुनाफा देती है l
लेकिन क्योंकि हर *फाइनेंशियल मार्केट में बार-बार एलआईसी का नाम लिया जाता है तो बहुत सारे प्राइवेट प्लेयर्स चाहे वह बैंकिंग के हो या इंश्योरेंस के हो, उनको लगता है कि अगर इस संस्था की शाख, ढीली हो जाए तो हमारे पास भी कुछ पैसा आने लगेगा*।
1999 में आईआरडीए (IRDA) बना लेकिन 20 सालों के बाद आज भी *नव व्यवसाय(Fresh Insurance Market) में LIC का मार्केट शेयर करीब 75% है* यानी *25% में बाकी सारी प्राइवेट कंपनियां,सबसे बड़ी कंपनी आईसीआईसीआई प्रू का मार्केट शेयर मात्र 3.8% है ।
180 देशों में बीमें का कारोबार होता है और बहुत सारे देशों में,विदेशों से कंपनियों ने जाकर काम शुरू किया ।
लेकिन ऐसा अनोखा रिकॉर्ड सिर्फ भारत के अंदर ही है, जहां पर मूल कंपनी अपना मार्केट शेयर बचाने में इतने लंबे समय तक कामयाब रही है ।
तो आप सोच सकते हैं कि लोगों को कितना भरोसा है LIC पर l
लेकिन ऐसा अनोखा रिकॉर्ड सिर्फ भारत के अंदर ही है, जहां पर मूल कंपनी अपना मार्केट शेयर बचाने में इतने लंबे समय तक कामयाब रही है ।
तो आप सोच सकते हैं कि लोगों को कितना भरोसा है LIC पर l
मीडिया के बारे में तो आप जानते ही हैं कि इनका किस भाषा में उनका व्याख्यान किया जाता है,
एक बार संसद में सवाल उठा कि LIC ने सॉल्वेंसी मार्जिन (Solvency Margin) के पैसे जमा नहीं कराए l
LIC ने 20000 करोड रूपया जमा कराया,
17 सालों से उस पैसे की आवश्यकता नहीं पडी है, वहीं फंड अपने आप में बहुत बड़ा हो गया है ।
17 सालों से उस पैसे की आवश्यकता नहीं पडी है, वहीं फंड अपने आप में बहुत बड़ा हो गया है ।
एलआईसी जब चाहे तब उसका इस्तेमाल कर सकती है ।
दोस्तों बिल्कुल भी घबराने की आवश्यकता नहीं है LIC में
पॉलिसी होल्डर,
एजेंट्स,
सभी लोग बिल्कुल से सुरक्षित हैं, यहां पर जमा हुआ सारा पैसा एकदम सुरक्षित है ।
पॉलिसी होल्डर,
एजेंट्स,
सभी लोग बिल्कुल से सुरक्षित हैं, यहां पर जमा हुआ सारा पैसा एकदम सुरक्षित है ।
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